World Brain stroke day : ब्रेन स्ट्रोक क्यों आता है, कैसे इससे बचें, डॉक्टर से जानें
World Brain stroke day : दुनियाभर में 29 अक्टूबर को विश्व ब्रेन स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है. इसका मकसद लोगों को ब्रेन स्ट्रोक के बारे में जागरूक करना है. ब्रेन स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है जिसमें मरीज की जान को जोखिम हो सकता है. ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि ब्रेन स्ट्रोक से बचाव कैसे करें. इस बारे में एक्सपर्ट्स ने बताया है.

भारत के लोगों में बीते कुछ सालों में ब्रेन स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 10 सालों में ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में 20 फीसदी तक का इजाफा हुआ है.
अब युवाओं को भी ब्रेन स्ट्रोक की समस्या हो रही है. इसको यंग-ऑनसेट स्ट्रोक कहा जाता है, जिसमें 45 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों को स्ट्रोक होता है. सभी स्ट्रोक के मामलों में से लगभग 10 से 15% युवा-शुरुआत स्ट्रोक के होते हैं, यह मुख्य रूप से खराब लाइफस्टाइल एक बड़ा कारण है.
खराब लाइफस्टाइल की वजह से लोगों को हाई बीपी और डायबिटीज की बीमारी हो जाती है. जीवनशैली की खराब आदतें जैसे धूम्रपान और काम से संबंधित मानसिक तनाव भी ब्रेन स्ट्रोक का एक कारण हो सकता है.
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज मे मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर डॉ जुगल किशोर बताते हैं कि युवाओं में स्ट्रोक का एक अन्य महत्वपूर्ण कारण क्लॉटिंग और एंटी क्लॉटिंग मैकेनिज्म की समस्या है, जिससे हाइपरकोएग्युलेबल स्थिति हो जाती है, जहां खून में थक्का बनने लगता है.
जब दिमाग की नसों में खून का थक्का बन जाता है तो स्ट्रोक आ जाता है. खराब लाइफस्टाइल के कारण कम उम्र के लोगों को भी ब्रेन में क्लॉट हो रहा है. इससे ब्रेन स्ट्रोक आ रहा है.
स्ट्रोक है जानलेवा
मणिपाल अस्पताल में न्यूरोलॉजी विभाग में डॉ संतोष एनएस बताते हैं कि अगर स्ट्रोक का समय पर इलाज न हो तो ये जानलेवा बन सकता है. लोगों को स्ट्रोक के लक्षण जैसे आंखों से धुंधला दिखना, चक्कर आना और सिर में तेज दर्द है तो इसको नजरअंदाज न करें.
इस स्थिति में तुरंत अस्पताल जाकर जाएं कराएं. अगर कम उम्र में भी यह समस्या हो रही है तो भी इलाज कराएं. इस मामले में लापरवाही न बरतें. सही समय पर ट्रीटमेंट से ब्रेन स्ट्रोक की समस्या को काबू में किया जा सकता है.
स्ट्रोक से कैसे करें बचाव
स्ट्रोक को रोकने के लिए डायबिटीज और हाई बीपी को कंट्रोल करना जरूरी है. शुगर लेवल और बीपी की जांच कराते रहना चाहिए. अगर आपको सिर में दर्द की समस्या रहती है तो इसको भी नजरअंदाज न करें. सिर में होने वाला दर्द कुछ मामलों में स्ट्रोक का शुरुआती संकेत भी हो सकता है.