प्रभु श्री राम के मंदिर के लिए प्रधानमंत्री ने ट्रस्ट बनाने का संसद में किया एलान, जल्द ही बनेगा श्रीराम का भव्य मंदिर

 

केंद्र सरकार की कैबिनेट ने आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के लिए ट्रस्ट की गठन हेतु अपनी मंजूरी दे दी हे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यह जानकारी लोकसभा में दिया। मंदिर के लिए बनने वाला ट्रस्ट का नाम "श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र" रखा जायेगा। सुप्रीम कोर्ट में हिन्दू पक्षों के और से लड़ने वाले वरिष्ठ वकील के.परासरण इस ट्रस्ट के अधक्ष्य बनेंगे। इस ट्रस्ट में परासरण के अलावा और 14 सदस्य रहेंगे जिसमे काम से काम एक सदस्य अनुसूचित समुदाय से रहेगा। इसकी जानकारी आज गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया के जरिये दी।इसके अलावा राम जन्मभूमि न्यास और निर्मोही अखाडा के एक एक सदस्य भी इस ट्रस्ट का हिस्सा बनेंगे। सूत्रों के अनुसार यह भी जानकारी आ रही हे की इसमें दो सरकारी कर्मचारी एक केंद्र के और एक राज्य के शामिल होंगे। हालांकि ट्रस्ट के सदस्यों के बारे मे अभी कोई आधिकारिक सुचना नहीं मिल पायी हे। यहाँ आपको बतादें की सरकार ने यह साफ़ करदिया हे की कोई भी राजनितिक ब्यक्ति इस ट्रस्ट का हिस्सा नहीं बनेगा।

प्रधानमंत्री के द्वारा इस जानकारी दिए जाने के साथ ही पूरा संसद खुसी से झूम उठा। प्रधानमंत्री ने सभी सदस्यों से यह आह्वान किया की आइए और साथ मिलकर भव्य और दिव्य मंदिर बनाने में सरकार का सहयोग करें। इसके बाद पुरे संसद में " जय श्री राम " के गूंज सुनाई देने लगे। राम मंदिर के विवादों में रहा पूरा 67 एकड़ की जमीन ट्रस्ट को सौंपी जाएगी।

प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद पुरे देश में खुसी का माहौल हे। करोड़ों हिन्दुओं का सपना साकार होने के करीब हे। भाजपा के वरिष्ठ नेत्री उमा भारती ने राम जन्मभूमि आंदोलन के नायक दिवंगत अशोक सिंघल जी और पूर्व उपप्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को याद करते हुए उनके योगदान को महत्वपूर्ण बताया।

सुप्रीमकोर्ट के आदेश अनुसार सरकार ने रामजन्मभूमि से करीब 25 किलोमीटर दूर अयोध्या के धनीपुरी में 5 एकड़ जमीन सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को प्रदान किया जहाँ मस्जिद बनाया जायेगा। यह जगह मंदिर के 14 कोसी परिक्रमा के अंतर्गत नहीं हे।

पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मत राय रखते हुए विवादित जमीन को पूरी तरह राम जन्मभूमि न्यास को देने की बात कही थी। इसके साथ साथ मंदिर के निर्माण के लिए तीन महीने के अंदर एक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया था जो मंदिर बनाने के लिए आगे का योजना निर्धारित करेगा। इसके साथ ही अयोध्या के किसी प्रधान जगह पे 5 एकड़ जमीन मस्जिद बनाने के लिए प्रदान करने का आदेश दिया था।

माना यह जा रहा हे की इसी साल 2 अप्रेल को पवित्र राम नवमी के दिन भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो जायेगा और हम बहुत जल्द ही वहां दिव्य मंदिर में रामलला जी के दर्शन कर पाएंगे।

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